एमपी में 'नल जल' को लेकर केंद्र की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
मध्य प्रदेश में नल जल योजना की सच्चाई सामने आई है। केंद्र की तरफ से करवाए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि कई गांवों तक नल तो पहुंचे हैं लेकिन उनमें जल नहीं हैं।


Sanjay Purohit
Created AT: 12 दिसंबर 2024
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मध्य प्रदेश में नल जल योजना की हकीकत कुछ और ही है। केंद्र सरकार के एक सर्वे में पता चला है कि कई घरों में नल कनेक्शन तो कागजों में है लेकिन हकीकत में पानी नहीं आ रहा। करीब 28% घरों में पानी दूषित मिला है। यह चिंताजनक है क्योंकि इस साल राज्य में दस्त से तीन दर्जन से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। एमपी पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के इंजीनियर इन चीफ के.के. सोंगरिया ने इसे आंखें खोलने वाला बताया है। उन्होंने और व्यापक सर्वेक्षण के आदेश दिए हैं।
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना
नल जल योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य देश के हर घर तक पीने का साफ पानी पहुंचाना है। योजना के तहत, हर घर में नल का पानी पहुंचने पर गांव को 'हर घर जल' गांव घोषित किया जाता है।पानी भी प्रदूषित
सर्वेक्षण का एक और चौंकाने वाला पहलू यह था कि 778 गांवों के 1,522 घरों में से 423 (27.8%) घरों से एकत्र किए गए पानी के नमूने 'सूक्ष्मजीवविज्ञानी मानकों' पर खरे नहीं उतरे। यानी, इन घरों में नल के जरिए दूषित पानी की आपूर्ति की जा रही थी।चौंकाने वाले हैं ये खुलासे
इस मुद्दे पर एमपी पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के EnC के.के. सोंगरिया ने कहा कि सर्वेक्षण आंखें खोलने वाले होते हैं। इस तरह के आकलन का उद्देश्य समस्याओं का मूल्यांकन करना और पता लगाना होता है। अगर सब कुछ सही होता, तो ऐसे सर्वेक्षणों की कोई जरूरत नहीं होती। उन्होंने आगे कहा कि हमने सभी जिलों के अधिकारियों को इन निष्कर्षों की जांच करने और सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश जारी किए हैं। यह सर्वेक्षण कुछ ही घरों तक सीमित है। हमने अन्य गांवों और घरों के सर्वेक्षण के भी निर्देश दिए हैं। जिन घरों में पानी के नमूने फेल हुए हैं, वहां फिर से नमूने लेकर हमारी प्रयोगशालाओं में जांच की जानी चाहिए।ये भी पढ़ें
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